मरुप्रदेश के संभावित जिलों में विकास में भी भेदभाव हुआ है। भारत सरकार की वर्ष 2007-08 व हालिया रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि राजस्थान में उधोग लगाने में असंतुलन हुआ है। अलवर,जयपुर,भीलवाड़ा,कोटा,उदयपुर आदि को प्राथमिकता लिए हुए है। मरुक्षेत्र में एक भी बड़ा उधोग एवं सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थान न के बराबर है और जो संचालित थे उन्हें कुप्रबंधन के तहत बंद कर दिए गए है जबकि सबसे ज्यादा रॉ मैटेरियल व जमीन इस क्षेत्र में है। श्रीगंगानगर की कपड़े की मिल,चीनी मिल,झुंझुनू के खेतड़ी कॉपर कॉम्प्लेक्स,बीकानेर के ऊन उधोग,लकड़ी के हाईलैंड उधोग,सीमेंट प्लांट आदि को सरकारों ने बंद कर दिए। बीकानेर जिले 1971 में रेलवे कारखाने में 15 हजार कर्मचारी काम करते थे जो सब सैकड़ो में बचे है।
मरुप्रदेश में अथाह जमीन,अथाह रॉ मेटेरियल,देश का 14.65% खनिज उत्पादन व देश का सर्वाधिक ग्रेनाइट, संगमरमर, रंगीन मार्बल,कोयला,टंगस्टन, तांबा,चांदी,अभ्रक,बुलस्टोन,जास्पेर व कई अन्य धातु होने के बावजूद पिछड़ा है।