मरुप्रदेश निर्माण की सबसे बड़ी आवश्यकता प्रशासनिक नजरिये से बेहतर प्रबंधन की है। गांव के लोग जिला प्रशासन और प्रशासन गांव ...
मरुप्रदेश के संभावित जिलों में विकास में भी भेदभाव हुआ है। भारत सरकार की वर्ष 2007-08 व हालिया रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि राजस्थान..
राजस्थान में कोई भी सरकार बन जाए वो सिर्फ जयपुर,उदयपुर,कोटा,अजमेर आदि जिलों के सौंदर्यीकरण व पर्यटन पर ध्यान देती है।
मरुप्रदेश की मांग विशुद्ध रूप से राष्ट्र की जरूरत के मुताबिक जहां राष्ट्र की सीमा पर एक सम्रद्ध राज्य बनाना है। मरुप्रदेश देश की सुरक्षा में
जयपुर से निकलने वाली चौमू पुलिया से ही मरुप्रदेश के साथ भेदभाव शुरु हो जाते है। राजस्थान में कोई उधोगपति उधोग लगाना चाहता है तो
जब भी भारत माता पर कोई दुश्मनों का खतरा आता है तब देश का हर चौथा शहीद मरुप्रदेश का होता है। देश के सर्वाधिक बहादुर नोजवान देने में
मरुप्रदेश के शहर व गांव शेष राजस्थान के शहर व गांवों की तुलना में पिछड़े व सम्पूर्ण सामाजिक सरंचना यानि सड़क,बिजली,पानी,अस्पताल,
मरुप्रदेश के जिलों की पौने तीन करोड़ की जनता में से 68.85 लाख गरीब वो है जो रोजाना सरकारी आकड़ो के मुताबिक 35 ₹ से कम आमदनी करते है।
राजस्थान के बड़े होने व कई किमी.लंबे थानाक्षेत्र होने की वजह से प्रशासनिक पकड़ कमजोर रही है जिस वजह से आज पूरे राजस्थान में माफियां