मरुप्रदेश निर्माण की सबसे बड़ी आवश्यकता प्रशासनिक नजरिये से बेहतर प्रबंधन की है। गांव के लोग जिला प्रशासन और प्रशासन गांव तक नही पहुंच पाते है। राजधानी जयपुर तो आम जनता की पहुंच से बिल्कुल बाहर है। मुख्यमंत्री व मंत्री 05 साल में कभी कभी जिलों में पहुंच पाते है,तहसीलों व गांवों में पहुचना ही महाभारत है। जयपुर में बैठी सरकारों व अधिकारियों की पता ही नही रहता कि जिलों,तहसीलों में क्या चल रहा है। गांव की बात ही बेमानी है। राजस्थान के हर तहसील के गांवों में धरती के नीचे मिनरल्स का खजाना है जिसका दोहन लोकल माफियां अधिकारियों से मिलकर करता है। झालावाड़,डूंगरपुर, बांसवाड़ा,भरतपुर, दौसा,करौली,उदयपुर आदि जिलों के जीते हुए मंत्री व मुख्यमंत्री को मरुप्रदेश के जिलों का पता ही नही व मरुप्रदेश के जीते हुए मंत्रियों को राजस्थान के बाकी जिलों का पता नही जिस वजह से लोकल माफियां व अधिकारियों की सांठगांठ से भ्रष्टाचार चरम पर है।
राजस्थान के सर्वागीण विकास के लिए छोटे राज्य बनने महत्वपूर्ण है।