जयवीर गोदारा का जन्म ढाका हवेली,पुरानी सब्जी मंडी,श्रीगंगानगर में 26 जून 1970 को अपने फूफा के घर हुआ,इनके दादा चौधरी अमीलाल गोदारा किसान मसीहा सर छोटूराम जी के साथ लाहौर कोर्ट में वकालत करते थे व पिताजी रणधीर गोदारा खेती के कार्य करते थे।
जब हरियाणा अलग प्रदेश बना तब बीकानेर स्टेट के 45 गांव नोहर के पास वाले हरियाणा में चले गए। स्कूल की पढ़ाई के बाद दिल्ली पढ़ने को गए जयवीर गोदारा ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य बने और आंदोलन की राह पकड़ ली। इस दौरान इन्होंने बड़े बड़े छात्र आंदोलन किये व दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष बन गए। दिल्ली छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद ग्रामीण व देहाती छात्रों को हक़ दिलवाने के लिए बड़ा छात्र आंदोलन किया गया जिसमें इनको तिहाड़ जेल की यात्रा भी करनी पड़ी। दिल्ली की राजनीति के शिरमोर बनने के बाद इन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा के कई राष्ट्रीय पदों व भाजपा के कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभाई।
हरियाणा-राजस्थान-पंजाब के एसवाईएल पानी समझौते पर जब पंजाब सरकार ने पानी बन्द कर दिया तब इनके नेतृत्व में कोटपूतली बॉर्डर से लेकर हरियाणा-पंजाब विधानसभा तक 450 किमी.पदयात्रा की गई और विधानसभा पर जबरदस्त घेराव किया गया। जिसमें पुलिस की गोलाबारी भी हुई जिसमें जयवीर गोदारा गंभीर रुप से घायल हुए थे जिसके बाद पंजाब की बसों में आगजनी हुई व बड़ा जनांदोलन बन गया। उसके बाद सरकारो को वार्ता करनी पड़ी। इसी तरह इनके नेतृत्व में पल्लू(नोहर) में जिप्सम के किसानों की मांगों को लेकर बड़ा आंदोलन किया गया जिसमें जिप्सम कार्यालय को इनके नेतृत्व में जिप्सम के तले दबा दिया गया व 15 दिन की नोहर में जेल काटी और सरकार को झुकना पड़ा।
सन 2004 में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा हिसार से टिकट देकर इनको अपना कैंडिडेट भी बनाया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद,भाजयूमो व भाजपा में रहते समय इन्होंने अनेकों बड़े छात्र व किसान जनआंदोलन लड़े जिनकी बदौलत जीवन में अनेकों बार कष्ट उठाये,लाठियां खाई व करीबन 23 मुकदमें लगे जिनमें टाडा जैसे गंभीर आरोप भी लगे। दिल्ली की तिहाड़ से लेकर चंडीगढ़,हिसार,सिरसा,फतेहाबाद,नोहर की जेल यात्राएं करनी पड़ी।
सन 2007 में इन्होंने बीकानेर से मरुप्रदेश अभियान की शुरुवात की व विशाल ऊँट महायात्रा बीकानेर से जयपुर करके आंदोलन का आगाज किया। इन्होंने राजनीति का त्याग करके गैर राजनीतिक रुप से मरुप्रदेश निर्माण मोर्चा संगठन बनाया व गांव-ढाणीयो में लगातार मरुप्रदेश निर्माण को लेकर अपनी गतिविधिया कर रहे है। इस दौरान किसानों के कर्जमाफी,मुफ्त बिजली,शेखावाटी नहर की मांग को लेकर सत्याग्रह व झुंझुनू बन्द,टोल फ्री राजस्थान,लुणी नदी बचाने के लिए मरूगंगा सत्याग्रह,मरुप्रदेश निर्माण की मांग को लेकर 10 दिवशीय भूख हड़ताल,कॉलेज हड़ताल व कई विशाल जन जागृति यात्राएं भी की है।
जयवीर गोदारा का मकशद 13 मरुस्थलिय जिलों का अलग छोटा प्रदेश मरुप्रदेश बनाना है ताकि यहां की 2,85 करोड़ जनता को न्याय मिल सके। सदियों से इंद्र विमुखित मरुस्थल के व्यथित प्राणियों के सपनो का मरुप्रदेश बनाना जीवन का लक्ष्य है।